राष्ट्रिय कृषि विकास योजना (RKVY)

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कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) ने यह पाया कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के अधिक समग्र एवं समेकित विकास को बढ़ाने के लिए कृषि जलवायु, प्राकृतिक संसाधन और प्रौद्योगिकी को ध्यान में रखते हुए गहन कृषि विकास करने के लिए तथा राज्यों को बढ़ावा देने हेतु एक विशेष अतिरिक्त केंद्रीय सहायता (एसीए) योजना की शुरूआत की जानी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि एवं सहकारिता विभाग (डीएसी) कृषि मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ़्तार) (Rashtriya Krishi Vikas Yojana – RKVY) की शुरूआत की थी।

राष्ट्रिय कृषि विकास योजना

राष्ट्रिय कृषि विकास योजना (RKVY)

राष्ट्रिय कृषि विकास योजना (Rashtriya Krishi Vikas Yojana – RKVY) का प्रारंभ जिला/राज्‍य कृषि योजना के अनुसार राज्‍यों को उनके कृषि एवं संबंधित क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्‍चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना के रूप में वर्ष 2007 में शुरू की गयी। आरकेवीवाई योजना ने इसकी शुरूआत से लम्‍बा रास्‍ता तय किया है और यह दो योजना अवधि (11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजना) तक कार्यान्‍वित की गई है। वर्ष 2013-14 तक योजना का कार्यान्‍वयन 100 प्रतिशत केन्‍द्रीय सहायता के साथ राज्‍य की कृषि योजनाओ के लिए अतिरिक्‍त केन्‍द्रीय सहायता के रूप में किया गया था।

इसे 100 प्रतिशत केन्‍द्रीय सहायता के साथ वर्ष 2014-15 में एक केन्‍द्रीय प्रायोजित योजना में परिवर्तित किया गया। वर्ष 2015-16 से योजना की वित्‍तपोषण प्रणाली को केन्‍द्र और राज्‍यों के बीच 60:40 प्रतिशत अनुदान (पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और हिमालयी राज्‍यों के लिए 90:10) के अनुपात में संशोधित किया गया है। केन्‍द्र शासित क्षेत्रों के लिए वित्‍तपोषण पद्धति 100 प्रतिशत केन्‍द्रीय अनुदान है।

Rashtriya Krishi Vikas Yojana

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ़्तार) – Remunerative Approach for Agriculture and Allied sector Rejuvenation (RAFTAAR) कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के लिए राज्‍यों को प्रोत्‍साहित करती है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्‍यों को अपनी आवश्‍यकता, प्राथमिकताओं और कृषि-जलवायु आवश्‍यकताओं के अनुसार योजना के तहत परियोजना का चयन उसके नियोजन एवं अनुमोदन के लिए छूट तथा स्‍वायत्‍तता प्रदान की गई है।

इस योजना को राष्ट्रीय कृषि विकास कार्यक्रम (एनएडीपी) – National Agriculture Development Programme या राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के नाम से भी जाना जाता है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वर्ष 2021-22 के दौरान जैविक रूप से सब्जियों की खेती, अदरक, प्याज, लहसुन, साग, फल व फूल की खेती, ड्रैगन फल, लघु फल फसल, स्थायी पंडाल संरचना की स्थापना, केले आदि बागवानी फसलों की खेती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

आरकेवीवाई योजना के तहत दो उप-योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं:-

  1. काजू कार्यक्रम, जिसके तहत काजू की खेती के लिए अनुदान दिया जा रहा है।
  2. फसल विविधीकरण कार्यक्रम, जिसके तहत विभिन्न फसल उत्पादन के खेतों को सब्जियों की एवं बागवानी खेती द्वारा परिवर्तित करने में सहायता प्रदान की जा रही है।

RKVY योजना का उद्देश्य

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य राज्यों की कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के समग्र विकास योजनाओ को अनुदान प्रदान कर, उत्पादकता में वृद्धि करना और किसानों को अधिकतम रिटर्न देना है।

  • राज्यों को प्रोत्साहित करना ताकि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाया जा सके।
  • राज्यों को कृषि एवं संबद्ध योजनाओं के नियोजन एवं निष्पादन की प्रक्रिया में शिथिलता एवं स्वायतता प्रदान करना।
  • कृषि जलवायुवीय स्थितियों, प्रौद्योगिकी एवं प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर जिला एवं राज्यों हेतु कृषि योजनाएं बनाई जाएं, यह सुनिश्चित करना।
  • यह सुनिश्चित करना कि स्थानीय आवश्यकताएं/फसलों/ प्राथमिकताओं को राज्य की कृषि योजनाओं में ठीक प्रकार से प्रदर्शित किया जाए। केंद्रीत कार्यकलापों के माध्यम से महत्वपूर्ण फसलों में उपज अंतर को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करना।
  • कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में किसानों को अधिकतम लाभ प्रदान करना।
  • कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विभिन्‍न घटकों का समग्र प्रकार से समाधान करके उत्पादन एवं उत्पादकता में परिवर्तन लाना।

Rashtriya Krishi Vikas Yojana योजना मुख्य बाते

योजना का नाम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)
Also Known As National Agriculture Development Programme (NADP)
मंत्रालय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
प्रकार केंद्र एवं राज्य अनुदान प्राप्त
शुरुआत की गयी 29 मई, 2007
आधिकारिक वेबसाइट www.rkvy.nic.in

आरकेवीवाई राज्य योजना

राष्ट्रिय कृषि विकास योजना, राज्य की योजनाओ के रूप में कार्यान्वित की जाएगी। योजना आयोग द्वारा बताईं गई राज्यों की संबद्ध क्षेत्रों की सूची क्षेत्रीय व्यय योजनाए

  • मछली पालन
  • बागवानी कृषि विस्तार
  • पशु पालन
  • डेयरी विकास,
  • कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा
  • वानिकी एवं वन्य जीव
  • रोपण एवं कृषि विपणन
  • खाद्य भंडार एवं भंडारगृह
  • मृदा एवं जल संरक्षण
  • कृषि वित्तीय संस्थान
  • अन्य कृषि कार्यक्रम और सहकारिता के निर्धारण के लिए आधार होगा।

राज्यों के पात्रता मापदंड

कोई राज्य आरकेवीवाई आवंटन प्राप्त करने के लिए केवल तभी पात्र होगा जब:-

  1. कुल राज्य योजना (आरकेवीवाई निधियों को छोड़कर) व्यय में राज्य का कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का बेस लाइन अंश कायम रखा गया हो।
  2. जिला कृषि योजनाओं (डीएपी) एवं राज्य कृषि योजनाओं (एसएपी) का गठन किया गया हो।

राष्ट्रिय कृषि विकास योजना दिशानिर्देश

प्रश्न-उत्तर (FAQ)

राष्ट्रिय कृषि विकास योजना की शुरुआत कब की गयी?

RKVY योजना को वर्ष 2007 में शुरू किया गया।

राष्ट्रिय कृषि विकास योजना में अनुदान (सब्सिडी) कितनी मिलती है?

वर्ष 2014-15 में RKVY योजना में संशोधन किया गया जिसके अनुसार केंद्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। जबकि पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और हिमालयी राज्‍यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत एवं राज्य सरकार द्वारा 10 प्रतिशत अनुदान देय होगा। तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशो के लिए वित्‍तपोषण पद्धति 100 प्रतिशत केन्‍द्रीय अनुदान है।

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